हॉकी, कुश्ती व कबड्डी जैसों खेलों से बनी है भारत की संस्कृति, हमें गर्व है कि करमपुर में तैयार होते हैं इन खेलों अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी - पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह



करमपुर में ढाई लाख रूपए तक की हुई ईनामी कुश्ती, दिल्ली, पंजाब आदि से आए पहलवानों ने दिखाया दमखम



सैदपुर। बसंत पंचमी के मौके पर क्षेत्र के करमपुर में स्व. मेघबरन सिंह व ठाकुर तेज बहादुर सिंह स्मारक कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें कई राज्यों से पहलवान अपना दमखम दिखाने पहुंचे। इस दौरान प्रतियोगिता में दर्जनों बड़ी कुश्तियां हुईं। जिसमें सबसे बड़ी कुश्ती में ढाई लाख रूपए का ईनाम रखा गया था। हालांकि सबसे बड़ी कुश्ती बराबरी पर छूटी। ढाई लाख रूपए ईनाम की कुश्ती दिल्ली से आए पहलवान कपिल धामा व डीएलएडब्ल्यू वाराणसी के सनी गिरी के बीच हुई। दोनों पहलवानों ने तय समय तक अपने सभी दांव पेंच दिखाए, इसके बावजूद दोनों पहलवान एक दूसरे पर भारी दिख रहे थे। कोई किसी से पटखनी खाने को तैयार नहीं था। जिसके चलते अंत में उनकी कुश्ती बराबरी पर ही खत्म हो गई। इसके अलावा करमपुर के अमित राजभर ने शानदार दांव पेंच दिखाते हुए अपने कौशल से पंजाब से आए पहलवान गौरव को पटखनी देकर 25 हजार रूपए का ईनाम हासिल किया। इसके अलावा जौनपुर के मंगला निगम व डीएलएडब्ल्यू के यशवंत 25 हजार रूपए की कुश्ती हुई और वो भी बराबरी पर खत्म हुई। नारायणपुर जौनपुर के सुजीत व अजगरा के राहुल के बीच 15 हजार रूपए की कुश्ती बराबरी पर छूटी। डीएलएडब्ल्यू के अजीत व नारायणपुर के सुनील के बीच 15 हजार की कुश्ती बराबर पर रही। करमपुर के जुगनू व छपरा बिहार के लक्ष्मण के बीच 3 हजार की कुश्ती भी बराबरी पर रही। गाजीपुर के रितेश व पंजाब के नवाज अली के बीच 25 हजार की कुश्ती बराबरी पर रही। अजगरा के गोविंद व डाड़ी के प्रमोद के बीच 8 हजार की कुश्ती भी बराबरी पर खत्म हुई। इस दौरान घंटों तक चले प्रतियोगिता में दर्जनों कुश्तियां हुईं। इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्व सांसद व आयोजन राधेमोहन सिंह ने पहलवानों का हाथ मिलवाकर किया। कहा कि भारत की संस्कृति कुश्ती दंगल, कबड्डी, हॉकी जैसे खेलों से ही बची हुई है। कहा कि ये खेल भारतीय खिलाड़ियों की जीवटता को प्रदर्शित करते हैं और अगर सही प्रशिक्षण मिले तो इन खेलों में भारत के खिलाड़ियों की बराबरी पूरी दुनिया में कोई भी देश के खिलाड़ी नहीं कर सकते। कहा कि करमपुर का मेघबरन सिंह स्टेडियम न सिर्फ कुश्ती, बल्कि हॉकी व कबड्डी के खिलाड़ियों के लिए पूरे प्रदेश में जाना जाता है। कहा कि स्टेडियम के संस्थापक स्व. ठाकुर तेजबहादुर सिंह की राह पर हम भी चल रहे हैं और इन खेलों से जुड़े खिलाड़ियों को हर तरह की सुविधाएं देकर उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर के लिए प्रशिक्षित करते हैं। आज इस स्टेडियम से प्रशिक्षण लेकर कई खिलाड़ी भारतीय हॉकी टीम में खेल रहे हैं। यहां तक कि भारत की जूनियर हॉकी टीम के कप्तान उत्तम सिंह व ओलंपिक में भारत के लिए पदक लाने वाले ललित उपाध्याय भी इसी स्टेडियम से खेलकर वहां तक पहुंचे हैं। ये हम सभी के लिए बड़ी उपलब्धि है। इस मौके पर गंगासागर सिंह, हिरन सिंह, अनिकेत सिंह, आशुतोष सिंह, कुश्ती कोच बबलू सिंह, अदालत यादव, महेंद्र सिंह, हॉकी कोच इंद्रदेव राजभर आदि रहे।



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