हर साल भाईचारे का संदेश लेकर आती है होली, मार्गदर्शन के अभाव में अभद्र होता जा रहा त्योहार - पूर्व विधायक





देवकली। कुशवाहा महासभा की बैठक रविवार को देवकली में हुई। इस दौरान होली को किस तरह से मनाएं और वर्तमान में होली को मनाने के दौरान आई विकृतियों पर चर्चा की गई। पूर्व विधायक उमाशंकर कुशवाहा ने कहा कि होली का पर्व प्रति वर्ष भाईचारे का संदेश लेकर आता है। ये पर्व पूरे विश्व में किसी न किसी रुप में मनाया जाता है। ये आपसी कटुता, भेदभाव, ऊंच-नीच सहित सभी बुराइयों को त्यागकर मिलजुल कर रहने का पैगाम लेकर आता है। युवा नेता राजेश कुशवाहा ने कहा कि होली मनाने की परंम्परा में लगातार गिरावट आने से बृद्धिजीवी वर्ग इससे दूर होता जा रहा है। जिससे यह पवित्र पर्व अभ्रदता के रूप में बदल रहा है। जिसके लिए मुख्य रुप से जिम्मेदार भी बुद्धिजीवी वर्ग ही है। रामनरेश कुशवाहा ने कहा कि इस पर्व पर अबीर-गुलाल की बजाय कालिख, कोलतार, नाली का कीचड़ आदि प्रयोग करने की परम्परा बन गयी है। जिससे होली का पर्व कलंकित हो रहा है। इसको दूर करने के लिए सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों तथा बुद्धिजीवी वर्ग को आगे आकर युवा वर्ग का मार्गदर्शन करना चाहिए। ताकि ये पर्व अपने पुराने स्वरुप को ग्रहण कर सके। इस मौके पर सुधाकर कुशवाहा, देवनाथ कुशवाहा, अशोक कुशवाहा, नरेन्द्र कुमार मौर्य, प्रमोद, धर्मराज, रामवृक्ष, रामलाल, डॉ संजय, रामनरेश कुशवाहा, हंसराज, सुरेन्द्र, अजय, जगदीश, विबोध, मनोज, मुखलाल, बबलू, वीरेन्द्र मौर्य, भुवनेश्वर एडवोकेट, राजपति, रामकिशुन, रमाशंकर, कालीचरन आदि रहे। संचालन अवधेश कुशवाहा ने किया।



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