थाने में पड़ा था 2002 का स्कूटर और देख लिया परिवहन आयुक्त ने और फिर.....



खानपुर, गाजीपुर। सूबे के परिवहन आयुक्त व गाजीपुर के प्रभारी पी. गुरू प्रसाद ने शुक्रवार को क्षेत्र के खानपुर थाने का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद वर्षों से जब्त अथवा सीज वाहनों के कबाड़ को लेकर अधिकारियों को लताड़ा। साथ ही समाधान दिवस पर आने वाले आवेदनों की संख्या में बेहद कमी पाए जाने पर भी उन्हांने अधिकारियों को लताड़ा। इसके बाद निरीक्षण करने के पश्चात वो जिला मुख्यालय रवाना हो गए।



शुक्रवार को गाजीपुर के प्रभारी व परिवहन आयुक्त पी. गुरू प्रसाद खानपुर थाने का दौरा करने पहुंचे। वहां पहुंचने पर उन्हें जिलाधिकारी के. बालाजी ने बुके देकर स्वागत किया। इसके पश्चात एसआई अजय पांडेय के नेतृत्व में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद वो ऑफिस में बैठे और बीते कई माह में समाधान दिवस के दौरान आए मामलों की फाइल मंगाई साथ ही अपने साथ लाई गई सूची को थाने की सूची से मिलाया। दोनों में अंतर मिला तो उन्होंने एसपी सिटी प्रदीप दूबे से इसकी सफाई मांगी। एसपी सिटी ने बताया कि इसके पूर्व में भी ऐसा हो चुका है। लखनऊ से जो सूची आती है वो हमारी सूची से मैच नहीं करती है। इसके बाद उन्होंने जून से अब तक के समाधान दिवस में आए मामलों की जानकारी ली तो पता चला कि पूरे जून माह में हुए समाधान दिवस में महज 6, जुलाई में महज 7, अगस्त में 20 व सितंबर में महज 14 आवेदन पत्र आए थे। इस पर उन्होंने थाने की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए कहा कि थाने पर ऐसे ही रोजाना 4 से 5 आवेदन आते होंगे और पूरे माह के समाधान दिवस में सिर्फ 6 आवेदन? इस पर उन्होंने थानाकर्मियों को फटकारा। एसपी सिटी से पूरे जनपद में सितंबर में आए थाना दिवस का ब्योरा लिया। इसके पश्चात वो बाहर आए और थाने में कबाड़ के रूप में पड़े वाहनों को देखकर पुनः भड़के। कहा कि अब तक ये गाड़ियों की नीलामी क्यों नहीं की गई। तो बताया गया कि इसके लिए एआरटीओ से इजाजत लेनी होगी। एआरटीओ राम सिंह को बुलाने पर पता चला कि उनके द्वारा पूरे जनपद के थानों की निकलवाई गई सूची में पूरे जनपद के थानों की महज 42 गाड़ियों का निपटारा एआरटीओ को करना है, बाकी का निपटारा पुलिस करेगी। इसके बाद वर्ष 2002 के एक स्कूटर को थाने में देख फटकार लगाते हुए कहा कि क्राइम में शामिल वाहनों को छोड़कर अन्य वाहनों के दो वर्ष पूरा होने पर उनके मालिकों को नोटिस दें और मालिक के न आने पर 21 दिनों के बाद उसकी नीलामी करा दें। इसके बाद एसपी सिटी को पूरे जनपद के थानों में क्राइम में शामिल वाहनों को छोड़कर मौजूद अन्य वाहनों की सूची बनाने की निर्देश दिया। इसके बाद उन्होंने आरक्षी आवास, मालखाना आदि का निरीक्षण किया। वहां से वो कार्यालय में पहुंचे और वहां पर अभिलेखों का निरीक्षण किया। अभिलेखों का रखरखाव सुव्यवस्थित मिलने पर मुंशी अजय चतुर्वेदी की तारीफ करते हुए कहा एसपी सिटी से ये भी पूछा कि क्या इसी तरह से अभिलेख हर थाने में मिलेंगे। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि ज्यादातर पर ऐसे मिलेंगे। इसके बाद वो बाहर निकले और रास्ते में पड़े कबाड़ को हटवाकर वहां पर फरियादियों के लिए बैठने का स्थान बनाने का निर्देश दिया। कहा कि पूरा देश स्वच्छता अभियान में जुटा है लेकिन यहां पर गंदगी का अंबार लगा है। इसके बाद वो गोरखा स्थित आईटीआई कालेज जाने के लिए निकले लेकिन देर होने के कारण वो सैदपुर स्थित डाक बंगले के लिए रवाना हो गए। यहां पर अधिकारियों को बुलाकर उनसे वार्ता की और फिर यहां जरूरी दिशा निर्देश देकर आगे रवाना हो गए। इस मौके पर जिलाधिकारी के. बालाजी समेत एसपी सिटी प्रदीप दूबे, क्षेत्राधिकारी डा. तेजवीर सिंह, एसओ बलवान सिंह सहित सभी विभाग के अधिकारी मौजूद थे।



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