रेलकर्मियों व सेवानिवृत्त रेलकर्मियों के साथ ही आमजन को रेल मंत्रालय ने दिया सुनहरा अवसर, मौलिक रचना लिखने पर मिलेगा 20 हजार का ईनाम





वाराणसी। रेल कर्मियों, सेवानिवृत्त रेल कर्मियों सहित आम जनता के लिये रेल मंत्रालय रेलवे बोर्ड द्वारा तकनीकी रेल विषयों पर हिन्दी में मौलिक पुस्तकें लिखने के लिये ’लाल बहादुर शास्त्री तकनीकी मौलिक लेखन पुरस्कार योजना’ राष्ट्रीय स्तर पर शुरू की गई है। जिसमें तकनीकी रेल विषयों पर हिन्दी में लिखी गयी पुस्तकों के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया जाता है। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले रेल कर्मी प्रतियोगी अपने मौलिक लेखन को आगामी 18 जुलाई तक राजभाषा अधिकारी वाराणसी या प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी कार्यालय, पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर को तथा सेवानिवृत्त रेलकर्मी या अन्य लोग अपनी रचनाओं को दो प्रतियों में 31 जुलाई तक निदेशक राजभाषा, कमरा नं. 544, रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड), रायसीना रोड, नई दिल्ली-110001 को भेज सकते हैं। अन्तिम तिथि के बाद प्राप्त प्रविष्टियों पर मंत्रालय द्वारा विचार नहीं किया जायेगा। पुस्तक सामान्यतः 100 पृष्ठ से कम नहीं होनी चाहिये। प्रतियोगी अपने मौलिक लेखन के साथ टाइप किया हुआ अपना विवरण, जिसमें लेखक का नाम (दो भाषाओं में), पदनाम, कार्यालय का नाम व पता, फोन या मोबाइल नम्बर, ई-मेल, पुस्तक का नाम, पुस्तक का विषय, प्रकाशक का नाम या पता यदि कोई हो तो, पुस्तक लिखने का कार्य पूरा करने का समय तथा पृष्ठों की संख्या लिखकर इस घोषणा के साथ कि, इस पुस्तक को कभी पुरस्कृत नहीं किया गया है तथा पिछले तीन वर्ष 1 जनवरी 2020 से 31 दिसंबर 2022 के बीच इसे पहली बार लिखा गया है और ये किसी दूसरे के कॉपी राइट अधिनियम का उल्लंघन नहीं करता है, भेज सकता है। रेलवे बोर्ड द्वारा चयनित सर्वोत्तम पुस्तकों के लिये प्रथम पुरस्कार के रूप में 20 हजार रूपए, द्वितीय पुरस्कार 10 हजार रूपए व तृतीय पुरस्कार के रूप में 7 हजार रूपए व प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।



अन्य समाचार
फेसबुक पेज
<< गोरखपुर कैंट रेलवे स्टेशन पर रहे कार्यों के चलते कई ट्रेनों को किया गया रद, यात्रा के पूर्व देखें सूची
जखनियां में चौरीचौरा मेल ट्रेन का ठहराव न होने से आमजन को हो रही भारी परेशानी, लोगों ने की मांग >>