तो क्या अफजाल अंसारी का कट जाएगा लोकसभा टिकट.......कौन होगा सपा का नया प्रत्याशी? जानें -





गाजीपुर। सपा हाईकमान द्वारा गाजीपुर लोकसभा के लिए घोषित हो चुके प्रत्याशी व सांसद अफजाल अंसारी के चुनावी भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। जिसके चलते उनके लोकसभा चुनाव के टिकट को सपा काटकर किसी और को भी प्रत्याशी बना सकती है। इस मुद्दे पर पूरे लोकसभा में चर्चाओं का बाजार गर्म हो चुका है और सपा सहित भाजपा व अन्य दलों के कार्यकर्ता अपने-अपने अनुमान लगाकर प्रत्याशियों के नामों पर चर्चाएं कर रहे हैं। प्रत्याशी बदलने के चर्चाओं का ये बाजार यूंही गर्म नहीं हुआ है बल्कि इसके पीछे सांसद अफजाल अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर मामले में न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई अस्थाई रोक के मामले में फैसला आने की तारीख तय होना कारण है। बता दें कि सांसद अफजाल अंसारी के खिलाफ चल रहे गैंगस्टर मुकदमे में कोर्ट ने बीते दिनों फैसला देते हुए उन्हें 4 साल की सजा सुनाई थी। जिसके चलते नियमानुसार उनकी संसद सदस्यता चली गई थी और वो चुनाव लड़ने के भी अयोग्य हो गए थे। लेकिन इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया तो वहां से सजा पर अस्थाई रूप से रोक लगाई गई तो उनकी संसद सदस्यता पुनः बहाल हो गई थी और फिर माहौल पक्ष में देख सपा ने उन्हें गाजीपुर से लोकसभा प्रत्याशी भी घोषित कर दिया। लेकिन इसमें नया पेंच तब शुरू हो गया, जब सजा पर रोक के मामले में फैसला आने की तारीख तय करते हुए 2 मई कर दिया गया है। इस मामले में उनको मिली सजा के खिलाफ दाखिल याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। ऐसे में समय कम होने के चलते जस्टिस संजय सिंह ने इस मामले में 2 मई की तारीख तय कर दी है। ऐसे में अगर कोर्ट ने उनकी सजा को बहाल रखा या बढ़ाया तो वो चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो सकते हैं। हालांकि इस मामले में अफजाल अंसारी के वकील और जल्द सुनवाई की मांग कर रहे थे, ताकि उनकी सदस्यता व योग्यता पर कायम संशय के बादल छंट सकें। लेकिन सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि इस मामले को हाईकोर्ट द्वारा 30 जून तक निस्तारित कर देना है। ऐसे में अब सुनवाई की तारीख तय होने के बाद माना जा रहा है कि सपा उनका टिकट काटकर किसी और को अपना उम्मीदवार बना सकती है। जिसमें सबसे ज्यादा मजबूत दावेदारों में मुख्तार अंसारी के बेटे या अफजाल अंसारी की बेटी सहित पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सिंह जैसे नाम शामिल हैं। ऐसे में ये माना जा रहा है कि अगर 2 मई से सुनवाई होती है और इसमें कुछ दिन लगते हैं तो 1 जून को मतदान होने के चलते समय नहीं बचेगा। क्योंकि गाजीपुर की सीट के लिए 14 मई तक नामांकन होगा और 15 मई को पर्चों की जांच के बाद 17 मई तक पर्चा वापसी होगा। ऐसे में अगर कोर्ट ने उनकी सजा पर स्थाई रोक नहीं लगाई और प्रत्याशी बनकर नामांकन किए जाने व पर्चा वापिस लेने की तारीख बीतने के बाद अगर उन्हें सजा हो गई तो सपा के पास गाजीपुर में कोई प्रत्याशी नहीं होगा। ऐसे में अब तक अफजाल अंसारी से कमजोर दिख रहे भाजपा प्रत्याशी को पूरी तरह से वॉकओवर मिल जाएगा। यहीं वजह है माना जा रहा है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव किसी तरह का रिस्क नहीं लेंगे और अफजाल अंसारी को बदलकर या तो उनके ही परिवार के किसी व्यक्ति को टिकट देंगे या किसी और को दावेदार बनाएंगे। बहरहाल, देखना ये है कि आने वाले समय में क्या होता है। गाजीपुर की राजनीति किस करवट बैठती है।



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