प्रेमरस का सदैव लेना है आनंद तो होना पड़ेगा परमात्मा का शरणागत - संत कैलाश





बहरियाबाद। क्षेत्र स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन पर रविवार को साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया। इस दौरान आजमगढ़ से आये संत कैलाश राय ने कहा कर्म ही पूजा है। ज्ञान के अनुरूप जब तक मनुष्य का कर्म नहीं होगा तब तक उसके जीवन में आनंद नहीं आयेगा। कहा कि प्रेम रस का आनंद सदैव प्राप्त करने के लिए परमात्मा की शरण में शरणागत होना ही पड़ेगा। इसके पूर्व सत्संग का शुभारम्भ सम्पूर्ण अवतार वाणी एवं सम्पूर्ण हरदेव वाणी के काव्य पाठ से हुआ। इस मौके पर ब्रांच प्रमुख अमित सहाय, जयराम सिंह, सुदर्शन सिंह, डॉ. केके सिंह, श्यामलाल गुप्ता, गंगादीन यादव, कैलाश गुप्ता, सियाराम, रामलगन, गामा कन्नौजिया, प्रदीप कुमार, श्याम लाल आदि मौजूद थे। संचालन घूरन प्रसाद ने किया।



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