माह की 9 व 24 तारीख को होता है प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस का आयोजन, गर्भवतियों की हुई जांच





गाजीपुर। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए प्रत्येक माह की 9 और 24 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में शुक्रवार को सैदपुर सीएचसी व मोहम्मदबाद सीएचसी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां पर काफी संख्या में गर्भवती महिलाएं पहुंचीं। जहां निःशुल्क परामर्श देने के साथ ही उनकी कई तरह की जांच की गई। डॉ. आशीष राय ने बताया कि केंद्र पर नियमित जांच व उच्च जोखिम युक्त गर्भावस्था की चिह्नित लाभार्थी को प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) कर मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है। हर माह की नौ तारीख को सभी स्वास्थ्य केंद्रों में आयोजित किए जाने वाले पीएमएसएमए दिवस के साथ माह की 24 तारीख को एफआरयू पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक का आयोजन किया गया। इस दौरान गर्भवतियों का प्रसव पूर्व हीमोग्लोबिन, शुगर, यूरिन, ब्लड ग्रुप, एचआईवी, सिफ़लिस, वजन, ब्लड प्रेशर आदि कई तरह की जांच निःशुल्क की गई। इसके साथ ही टिटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) का टीका, आयरन, कैल्शियम एवं आवश्यक दवाएं मुफ्त दी गई। एचआरपी युक्त महिलाओं की पहचान, प्रबंधन एवं सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित किया। पोषण, परिवार नियोजन तथा प्रसव स्थान के चयन के लिए सलाह भी दिया गया। बीपीएम संजीव कुमार ने बताया कि इस दौरान महिलाओं को शासन द्वारा निःशुल्क अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी दी जाती है। जो पिछले दो-तीन सालों से चल रहा है। पिछले 2 माह से पीपीपी मॉडल पर ई-रूपीस वाउचर के जरिए अल्ट्रासाउंड कराया जा रहा था। उनका भुगतान विभाग द्वारा जेनेरेट करके रूपीस वाउचर से लाभार्थी को दिया जा रहा है। अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालक द्वारा तत्काल स्कैन करने पर लाभार्थी के मोबाइल पर ओटीपी आता है। ओटीपी डालते ही अल्ट्रासाउंड का भुगतान तत्काल संचालक को हो जाता है। इस प्रक्रिया के शुरू हो जाने के बाद कई तरह की समस्याओं का समाधान भी हो गया है। साथ ही उन्होंने इसकी वैलिडिटी 1 महीने तक की होती है, ऐसे में लाभार्थी इसका लाभ 1 महीने के अंदर कभी भी उठा सकते हैं।



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