लेखपाल संघ के अध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज, घूसखोरी में किया गया निलंबित, पीड़ित ने विधानसभा के सामने किया था आत्मदाह का प्रयास





कर्नलगंज। यूपी की सत्ता सम्भालने के बाद भ्रष्टाचारियों एवं रिश्वतखोरों पर नकेल कसने के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार कठोर कदम उठाने के दावे भले ही कर रहे हों, लेकिन उनके ही कारिंदे उनके इस दावे को पूरी तरह से फेल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे मामला कर्नलगंज तहसील का है, जहां तैनात लेखपाल पर इसका कोई भय नही दिख रहा है। इसी का नतीजा है कि तहसील में कार्यरत लेखपाल संघ के अध्यक्ष बसन्तलाल पर एक पीड़ित ने गंभीर आरोप लगाया है। पिपरी मांझा कटरा बाजार निवासी निर्भयराम का आरोप है कि बसंतलाल ने उससे काम कराने के नाम पर न सिर्फ 90 हजार रुपये की रिश्वत ली, बल्कि काम भी नहीं कराया और अब शिकायत करने की बात करने पर जान से मारने की धमकी भी दे रहा है। जिसके बाद हर तरफ से निराश होकर पीड़ित निर्भयराम ने विधानसभा के सामने आत्मदाह की कोशिश की और इसी दौरान मामले में लेखपाल के रिश्वत लेने का एक वीडियो भी वायरल हो गया है। जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और आनन फानन में आरोपी लेखपाल को निलंबित कर दिया गया। इसके बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के साथ ही जान से मारने की धमकी देने की धारा में भी घूसखोर लेखपाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। अब तक तुर्रम खान बन रहा घूसखोर लेखपाल अब मुकदमा दर्ज होने के बाद से पुलिसिया डंडे के डर के चलते भूमिगत हो गया है। एफआईआर दर्ज हो जाने के बाद भी अब लोगों में चर्चा ये है कि आत्मदाह करने की कोशिश से डरे प्रशासन ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन अब उसकी गिरफ्तारी व उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए क्या फिर से पीड़ित को कोई आत्मघाती कदम उठाना होगा? क्योंकि आरोपी सामान्य लेखपाल नहीं, बल्कि लेखपाल संघ का अध्यक्ष भी है। वहीं पीड़ित ने अब न्याय होने की पूरी उम्मीद जताई है। बहरहाल, मुकदमे की विवेचना खुद क्षेत्राधिकारी मुन्ना उपाध्याय को सौंपी गई है।



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