श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के तीसरे दिन हुआ प्रहलाद प्रसंग का वाचन, माताओं को दी सीख





नंदगंज। स्थानीय बाजार स्थित साईंनाथ वाटिका में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के तीसरे दिन प्रसंगों के माध्यम से स्वामी अमरेश्वरानन्द ने प्रहलाद प्रसंग को जनमानस के बीच रखा। कहा कि पुत्र को संस्कार माँ के गर्भ से मिलता है, इसलिए माताओं को देशहित, समाजहित तथा अपने कल्याण को ध्यान में रखते हुए सभी को एक श्रेष्ठ पुत्र प्राप्ति हेतु माता कयाधू जैसी संत सेवा तथा भगवत कथा को श्रवण करना चाहिए। प्रहलाद के जीवनगाथाओं से प्रमाणित है कि उन्होंने आसुरी वृत्ति को परास्त कर सत्य का विजय ध्वज फहराया। जिस तरह भगवान भक्त की रक्षा हेतु नृसिंह रूप में अवतार लिए, वैसे ही आज भी भक्तों के कल्याण हेतु संतों के रूप अवतरित होते हैं और मानव को भक्त्ति व आत्मज्ञान प्रदान करते हैं। करवा चौथ व्रत के बारे में एक भक्त द्वारा पूछे जाने पर कथा व्यास ने बताया कि जीव स्त्री का प्रतीक है, पति सिर्फ परमात्मा है। अतः परमात्मा का तत्व स्वरूप दिव्य प्रकाश, अनहद नाद, अमृत तथा परमात्मा का आदि नाम को जानना ही करवा चौथ है।



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