मानव शरीर पाने का उद्देश्य भूल बैठा है मनुष्य, आंख से नहीं, गुरु की मदद से दिखते हैं ईश्वर - फलाहारी बाबा





देवकली। क्षेत्र के देवचंदपुर स्थित हनुमान मंदिर पर मंगलवार की रात में सन्त जयप्रकाश दास फलहारी महाराज द्वारा प्रवचन किया गया। कहा कि जिसे अपने जीवन में परमात्मा के प्रति अनुराग हो जाता है उसका उद्धार हो जाता है। कहा कि राम कथा समाज का दर्पण है, जो देता है वही देवता है और परमात्मा को प्राप्त करने के लिए बाहरी आचार, विचार, व्रत, तप, तीर्थ तथा किसी वेशभूषा की जरुरत नही होती है। कहा कि जीव इस धराधाम पर क्यों आया है और क्या कर रहा है, नर तन पाने का असली उदेश्य क्या हल है?? इन सभी प्रमुख बातों को वो माया में फंसकर भूल बैठा है। कहा कि जिस तरह कमल की जड़े पानी के अंदर होती हैं लेकिन फूल सदैव ऊपर रहता है उसी प्रकार जीव को माया रुपी संसार मे रहते हुए सदैव अलग रहना चाहिए। परमात्मा बाहर नही बल्कि हमारे शरीर के अन्दर ही मौजूद है। उसे देखने के लिए आंख की नहीं, सच्चे सद्गुरु की आवश्यकता है। फलहारी बाबा ने बताया आगामी 29 व 30 जुलाई को कैथी के मारकन्डेय महादेव स्थित राधाकृष्ण मंदिर मे श्रीरामचरित मानस पाठ व विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया है।



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