गांव में पूजा करने से रोके जाने पर वनवासियों ने थाने पर पहुंचकर किया प्रदर्शन





सैदपुर। थानाक्षेत्र के रफ्फीपुर स्थित गांव की कोट पर मरी माता की पूजा करने से रोके जाने के बाद वनवासी बस्ती के लोग आक्रोशित हो गए और मंगलवार को दर्जनों की संख्या में महिला व पुरूष थाने पर पहुंचकर प्रदर्शन करने लगे। जिसके बाद कोतवाल ने रोकने वाले व्यक्ति को थाने बुलवाकर पूछताछ की तो मामला जमीनी विवाद का निकला। थाना क्षेत्र के रफ्फीपुर गांव स्थित कोट पर मंगलवार की दोपहर वनवासी बस्ती के लोग सफाई करके मरी माता की पूजा करने जा रहे थे तभी गांव निवासी रामसूरत यादव व प्रेम नाथ यादव ने उन्हें रोकते हुए डायल 100 को फोन कर दिया और उक्त जमीन को अपनी जमीन बताया। जिसके बाद पहुंची पुलिस ने वनवासियों को पूजा रोककर थाने पहुंचने को कहा। पूजा रोके जाने पर वनवासी आक्रोशित हो गए और कुछ देर बाद वो दर्जनों की संख्या में थाने पर पहुंचकर प्रदर्शन करने लगे। जिस पर कोतवाल बलवान सिंह ने दूसरे पक्ष को बुलाया तो पता चला कि वो उनका आराजी नंबर है जिस पर वो लोग पूजा कर रहे थे। जिसके बाद मामला राजस्व का होने पर कोतवाल ने दोनों पक्षों को राजस्व विभाग की रिपोर्ट आने तक वहां कुछ न करने की हिदायत दी। वहीं रफ्फीपुर निवासी बस्ती की उषा, पुष्पा, धरमी, बासमती, पंचुई, महेश्वरी, रामदुलार, धर्मेंद्र, शिवाजी आदि ने बताया कि कोट की उक्त जमीन पर हम वनवासी लोगों की 5 पीढ़ियों द्वारा प्रत्येक वर्ष सावन माह में मरी माता की पूजा अर्चना की जाती रही है। आरोप लगाया कि गांव निवासी रामसूरत यादव व प्रेम नाथ यादव ने फर्जी तरीके से कोट की उक्त जमीन पर अपना नाम चढ़ावाया है। कोतवाल ने बताया कि दोनों पक्षों की शिकायत सुनने के बाद मामले में राजस्व विभाग की रिपोर्ट आने तक दोनों पक्षों को शांति बनाए रखने हेतु समझाया गया है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।



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