गुलाम भारत में भी आजाद थे चंद्रशेखर, बचपन में दिखाया था अंग्रेजों को अपना जौहर - डा. इंदीवर





गाजीपुर। नगर स्थित पीजी कालेज परिसर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के तत्वावधान में महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की 113वीं जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान शहीद आजाद की प्रतिमा पर प्राचार्य डा. समर बहादुर सिंह समेत जिला प्रमुख डा. इंदीवर रत्न पाठक आदि ने माल्यार्पण कर उन्हें याद किया। जिला प्रमुख डॉ. इंदीवर रत्न ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद गुलाम भारत में होकर भी अपनी विचारधारा के चलते आजाद थे। उन्होंने कभी भी गुलामी की जंजीरों में स्वयं को महसूस नहीं किया। जन्म से ही आजाद के अंदर मातृभूमि को आजादी दिलाने की ज्वाला उमड़ रही थी। 15 वर्ष की अल्पायु में ही जेल जाकर जिस प्रकार अंग्रेजी जज के सवालों का मुंहतोड़ जवाब उन्होंने दिया उससे ही अंग्रेजी हुकूमत हिल गयी थी। गांधी जी के द्वारा असहयोग आंदोलन को अचानक बन्द कर देने कारण उनकी विचारधारा में बदलाव आया और वे क्रांतिकारी गतिविधियों से जुड़कर हिंदुस्थान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य बन गए। काकोरी कांड, सांडर्स की हत्या, दिल्ली असेम्बली बम कांड आदि घटनाओं को अंजाम देकर उन्होंने अंग्रेजों को उखाड़ने का काम किया था। कहा कि ऐसे मां के वीर सपूत भारत मे ही जन्म ले सकते हैं। इसके पश्चात उन्हें पुनः श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर नगर अध्यक्ष डॉ. शैलेन्द्र सिंह, नगर उपाध्यक्ष डॉ. उदय प्रताप पांडेय. डॉ. अचल सिंह, डॉ. राघवेंद्र पांडेय, पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. अंजली मिश्र, डॉ. एसएन सिंह, डॉ. सुजीत सिंह, डॉ. अविनाश चंद्र, डॉ. अरुण कुमार सिंह, डॉ. अरविंद उपाध्याय, बिट्टू कुशवाहा, दीपक कुमार आदि मौजूद थे।



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