विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर हुआ आयोजन, मानसिक रोगियों में किया गया फल व प्रमाणपत्र का वितरण





ग़ाज़ीपुर। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर सीएमओ कार्यालय के सभागार में गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति कैसे जागरूक रहना है और अन्य को करना है, इस बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। बताया कि इस बार की थीम मेंटल हेल्थ इज यूनिवर्सल ह्यूमन राइट थी। कार्यक्रम में गोष्ठी के अलावा हस्ताक्षर अभियान के साथ ही मानसिक दिव्यांगों में प्रमाणपत्र और फल वितरण का भी कार्यक्रम किया गया। प्रभारी सीएमओ डॉ जेएन सिंह ने बताया कि हर साल 10 अक्टूबर को ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ मनाया जाता है। वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने मिलकर वर्ष 1992 में 10 अक्टूबर के दिन ‘वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे’ मनाने की घोषणा की थी। कहाकि इस दिन को मनाने का उद्देश्य है मानसिक स्वास्थ्य के बेहतर बनाए रखने के प्रति लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना है। साथ ही लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में शिक्षित करने और मेंटल हेल्थ के मुद्दों को लेकर समाज में मौजूद स्टिग्मा को कम करना भी है। हर साल इसे एक खास थीम के तहत सेलिब्रेट किया जाता है। उन्होंने बताया कि हमारे शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य के बीच गहरा संबंध है। लेकिन अभी भी ज्यादातर लोग इस पर ध्यान नहीं देते। फिजिकल और मेंटल हेल्थ एक ही सिक्के के दो पहलू की तरह हैं। किसी भी एक पहलू को नजरअंदाज करना दूसरे पहलू को नकारात्मक तरीके से प्रभावित करता है। बड़े-बूढ़े से लेकर स्कूल जाने वाले बच्चे भी इस समस्या से जूझ रहे हैं तो इस प्रॉब्लम को छिपाने की जगह उस पर ध्यान देने की जरूरत है। वरना आने वाले समय में स्थिति और बिगड़ सकती है। बताया कि नींद ना आना या देर से नींद आना, चिंता घबराहट या उलझन, आत्महत्या का विचार आना, बेहोशी के दौरे आना, बेवजह शक से ग्रसित रहना, शराब, गांजा, भांग का नशा करना, आवश्यकता से अधिक साफ सफाई, उदास या मायूस रहना, किसी कार्य में मन ना लगना, गुस्सा आना, सिर दर्द या भारीपन बना रहना, बुद्धि का विकास कम होना, बुढ़ापे में याद्दाश्त की कमी का होना, भूत प्रेत देवी देवता की छाया का भ्रम होना आदि इसके लक्षण है। इस मौके पर जिला मलेरिया अधिकारी मनोज कुमार, एनसीडी से रविशंकर चौरसिया, डॉ शाहबाज, अंकित आनंद, गौरव कुमार गिरी, राघवेंद्र शेखर सिंह, अनिल चौबे, अनिल शर्मा, वीरेंद्र पांडे, नीरज श्रीवास्तव आदि रहे।



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