मातृ शक्तियों के सम्मान से उच्च होता है परिवार, आयु, विद्या व यश में होती है वृद्धि - आचार्य जमुनादास





जखनियां। क्षेत्र के परसपुर बुढ़ानपुर में प्राचीन श्री मां काली मंदिर पर चल रहे श्रीराम कथा व श्रीमद् भागवत कथा के 15वें दिन आचार्य जमुना दास ने बताया कि अहंकार मानव के पतन की प्रथम कड़ी है। कहा कि मानव को अपने जीवन में समय का सदुपयोग करना चाहिए। कहा कि अनुभवी तथा विद्वानों का सम्मान अवश्य करना चाहिए। मातृ शक्तियों में सत्य प्रेम व मधुर संवाद होते हैं, ऐसे में उनका सम्मान करना परिवार को उच्च बनाता है। साथ ही आयु, विद्या तथा यश में वृद्धि होती है। कहा कि आज के समय में बड़ों के सम्मान का लोप होता जा रहा है। जिसके फलस्वरूप लोग दुखी होते जा रहे हैं। कहा कि हमें श्रीराम के चरित्र का अनुकरण करना चाहिए। जो लोग दीन-दुखियों के अंश को निगल जाते हैं, वो निरंतर पतन के घेरे में गिरते जाते हैं। कहा कि अंत समय में चांडाल की परिधि में आकर वो नर्क के भी भागी बन जाते हैं। कहा कि दान देना तथा गिरते को उठाना कभी निर्रथक नहीं जाता। समाजसेवा करने से विकार नहीं आते। आयोजक काकू सिंह ने लोगों का आभार व्यक्त किया।



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