बिना पीडब्ल्यूडी की इजाजत निजी कंपनी ने खोद दी इंटरलॉकिंग पटरी, अब कंपनी के खिलाफ डीएम से शिकायत करेंगे अधिकारी





भीमापार। क्षेत्र स्थित जोगीवीर-उचौरी-बिहारीगंज डगरा के मुख्य मार्ग पर सड़क किनारे फुटपाथ पर लगाए गए इंटरलॉकिंग ईंटों को निजी कंपनी द्वारा उखाड़कर अंडर ग्राउंड ओएफसी केबल डाला जा रहा है। जिसके चलते मुख्य मार्ग की पटरी और सड़क के किनारे का पूरा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो रहा है। ऐसे में इस राह से आवागमन करने वाले लोगों को इससे भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आने वाले समय में बारिश के दौरान स्थिति और भी नारकीय हो जाएगी। दुर्व्यवस्थाओं का आलम ये है कि कार्य होते समय पीडब्ल्यूडी की तरफ से कोई भी कर्मचारी या अधिकारी इन्हें रोकने के लिए समय पर उपस्थित नहीं होता है। जबकि हर मार्ग के लिए पीडब्ल्यूडी की तरफ से एक मेठ नियुक्त रहता है। लेकिन मौके पर न तो मेठ मिलता है और न ही अवर अभियंता का कोई पता चलता है। आमतौर पर देखने को ये मिलता है कि ओएफसी केबल या पाइप लाइन के किसी भी कार्यदायी संस्था द्वारा पीडब्ल्यूडी से कोई भी स्वीकृति नहीं ली जाती है। अपना काम खत्म करने के बाद ये बेखौफ होकर क्षतिग्रस्त सड़कों को जस का तस छोड़कर चले जाते हैं। हैरानी ये है कि इनके ऊपर कोई कार्यवाही तक नहीं होती है। जबकि अगर एक सामान्य व्यक्ति अपने या किसी भी तरह के काम के लिए सड़क या पटरी को तोड़ता है तो उस पर कार्रवाई होती है या जुर्माना भरना होता है। नियमानुसार, कार्य प्रारंभ करने के पहले संबंधित कंपनी को पीडब्ल्यूडी विभाग से स्वीकृति लेने के लिए प्रार्थना पत्र दिया जाता है। इसके बाद उस पर मरम्मत का जो भी अनुमानित खर्च होता है, उसका एक डिमांड नोट भेजा जाता है और उसे जमा कराया जाता है। तब जाकर उस काम को कराने की अनुमति विभाग से कंपनी को मिलती है। लेकिन यहां पर सारे नियमों को ताक पर रख दिया गया। इस बाबत पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता एसके राम ने बताया कि पीडब्ल्यूडी से उक्त कार्य को कराने के लिए कंपनी या किसी भी संस्था द्वारा कोई भी स्वीकृति नहीं ली गई है। पूरा मामला बिना अनुमति के कराया गया है। ऐसे में विभाग इस मामले में जिलाधिकारी को पत्र देगा। अब देखना ये है कि जिलाधिकारी को पत्र देने के बाद कार्यदायी संस्था पर कोई कार्यवाही होती है या ये मामला भी ऐसे ही ठंडे बस्ते में चला जाएगा।



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