प्रकृति के पंचतत्व के स्त्रोत हैं ईश्वर, इन्हीं के चलते संभव है जीवन - महामंडलेश्वर





जखनियां। क्षेत्र के हथियाराम सिद्धपीठ मठ के महामंडलेश्वर महंथ भवानी नन्दन यति महाराज अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान क्षेत्र के बरहट बरौली स्थित रत्नदेव नव ज्योति बालिका इंटर कॉलेज परिसर में आयोजित रामहित कार्यक्रम में पहुंचे। वहां उन्होंने भावपूर्ण विचार रखे। उन्होंने धर्म और मानव को एक दूसरे का पूरक बताया। कहा कि जो देता है, वही देवता है। भगवान प्रकृति के पंचतत्व भूमि, तेज, आकाश, वायु व नीर के स्रोत हैं, जिनके चलते जीवन संभव है। कहा कि शंख और तुलसी की सेवा करने वाली महिला कभी भी दुखी नहीं रहती। उसे कोई दुख और विपत्ति स्पर्श तक नहीं कर सकती। कार्यक्रम में ही 50 से अधिक लोगों ने शिष्य परंपरा का पालन करते हुए महामंडलेश्वर से आचार्यों के मंत्र उच्चारण के बीच गुरु दीक्षा ली। इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह, अजीत सिंह, अखिलेश सिंह, आनन्द मौर्य, अनिल सिंह, उपेंद्र सिंह, नरेन्द्र सिंह, संतोष सिंह, प्रवीण सिंह, दयाशंकर पांडेय, शशिकान्त शर्मा, अच्छेलाल गुप्ता, अजीत सिंह, तारा आदि रहे।



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