अब छूटे हुए पात्रों के आंगनबाड़ी केंद्रों में बनेंगे आधार कार्ड, शत प्रतिशत पात्रों को योजना का लाभ देने की हो रही कवायद





ग़ाज़ीपुर। पोषण मिशन के तहत बच्चों व गर्भवती को सुपोषित करने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। कुपोषित बच्चों के सही आंकड़ा व सटीक रिपोर्ट शासन ने उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चयनित बच्चों व गर्भवतियों का आधार व पहचान पत्र जरूरी है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों व गर्भवती के पहचान संबंधी दस्तावेज नहीं होने की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जिसको लेकर अब शासन ने बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में दर्ज सभी कुपोषित बच्चों एवं गर्भवती व धात्री महिलाओं का आधार कार्ड अब परियोजना कार्यालय पर बनाए जाने का निर्देश जारी किया है। जिसके लिए विभाग को आधार कार्ड बनाए जाने का किट पहुंच चुकी है। 29 जुलाई को यूडीआई द्वारा समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) एवं परियोजना से संबंधित कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप कुमार पांडेय ने बताया कि जनपद में कुल 2.82 लाख बच्चे, गर्भवती, धात्री महिलाएं व किशोरियां पंजीकृत हैं। जिन्हें शासन के द्वारा मिलने वाले सूखा राशन व अन्य लाभ प्रदान किए जाते हैं। जिनमें से करीब 60 से 70 फ़ीसदी लोगों का आधार कार्ड बन चुका है। ऐसे में जिन लोगों के आधार कार्ड किन्हीं कारणों से अब तक नहीं बन पाए हैं, ऐसे लोगों के आधार कार्ड अब आने वाले समय में जनपद के सभी ब्लॉकों में कार्यरत परियोजना कार्यालय पर बनाए जाएंगे। जिसका मुख्य उद्देश्य शासन द्वारा बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ देना है। बताया कि जनपद में छह माह से तीन वर्ष के बच्चों की संख्या 1 लाख 21 हजार 460 और तीन से छह साल के बच्चों की संख्या 90 हजार 692 है। इसके साथ ही 69 हजार 977 गर्भवती व धात्री महिलाएं हैं।



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