गोड़उर सीएचसी में बन रहे गोल्डन कार्ड, अब तक जिले भर में 1.62 लाख के बने कार्ड





गाजीपुर। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के तहत लाभार्थी परिवार को प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक के निःशुल्क इलाज की सुविधा सरकार द्वारा दी जा रही है। यह सुविधा लाभार्थी परिवार के नामित सदस्यों के आयुष्मान गोल्डन कार्ड बन जाने के बाद प्रदान की जा रही है। इसको लेकर इन दिनों स्वास्थ्य विभाग के द्वारा गोल्डन कार्ड बनाए जाने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। इसी कड़ी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोड़उर में आशा संगिनी, आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के सहयोग से ब्लाक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (बीसीपीएम) शिवकुमारी देवी के देखरेख में कार्य किया जा रहा है। बीसीपीएम ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोडउर में 6441 लाभार्थी परिवार के 33 हजार 205 सदस्य के गोल्डन कार्ड बनाए जाने का लक्ष्य दिया गया है। बीते 12 फरवरी तक 5938 गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि शासन के द्वारा उनके सीएचसी को जो लक्ष्य दिया गया है, उस लक्ष्य में 147 गांव की लिस्ट दी गई है। लेकिन इसमें से 106 गांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोड़उर के अंतर्गत आते हैं। शेष गांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहम्मदाबाद और कासिमाबाद के अंतर्गत आते हैं जिसमें कुल लाभार्थियों की संख्या 27 हजार 234 है। उन्होंने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर डेटा ऑपरेटर/आयुष्मान मित्र के द्वारा निःशुल्क गोल्डन कार्ड बनाए जा रहे हैं। जबकि कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से 30 रुपये प्रति गोल्डन कार्ड का भुगतान करने पर बनाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों मसौनी, कनुआन, ज्ञानपुर, सुरनी, सवितापुर, मुंडेरा सहित अन्य कई गांव में कैंप लगाए जा चुके हैं। चिकित्सा अधिकारी डॉ अखिलेश और डॉ सुजीत कुमार सिंह ने बताया कि गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए लाभार्थी को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के पत्र के साथ ही आधार कार्ड, राशन कार्ड लेकर नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र या कॉमन सर्विस सेंटर पर पहुंच कर गोल्डन कार्ड बनवा कर इस योजना का लाभ ले सकते हैं। मसौनी गांव की रहने वाली बुधिया ने बताया कि उनके क्षेत्र की आशा संगिनी ने गोल्डन कार्ड के बारे में बताया। कैंप वाले दिन जाकर गोल्डन कार्ड बनवाया और उसी गोल्डन कार्ड पर आंखों का निःशुल्क इलाज और ऑपरेशन किया गया। इसके अलावा धर्मवीर ने बताया कि उनका गोल्डन कार्ड बना हुआ था और अचानक से एक दिन उनके पेट में दर्द शुरू हुआ। डॉक्टर को दिखाया गया तो डॉक्टर ने पथरी की समस्या बताई और फिर गोल्डन कार्ड के द्वारा निःशुल्क ऑपरेशन किया गया। गौरतलब है कि जनपद में अब गोल्डन कार्ड बनाए जाने का लक्ष्य करीब 7.77 लाख है जिसके सापेक्ष अब तक करीब 1.62 लाख गोल्डन कार्ड बनाये जा चुके हैं।



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